अग्नि मुद्रा 

अग्नि मुद्रा 

अनामिका उंगली को मोड़कर, अनामिका उंगली के अग्रभाग से अंगूठे के मूल प्रदेश को स्पर्श करना हैं। अब अंगूठे से अनामिका उंगली को हल्के से दबाना हैं। इस तरह अग्नि / सूर्य मुद्रा बनती हैं।

अग्नि मुद्रा का रोजाना  5 से लेकर 15 मिनिट  तक अभ्यास  करना चाहिए।

मोटापे से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए वजन कम करने हेतु उपयोगी मुद्रा हैं।

बढे हुए Cholesterol को कम कर नियंत्रित रखने के लिए उपयोगी मुद्रा हैं।

इस मुद्रा से पाचन प्रणाली ठीक होती है।

भय, शोक और तनाव दूर होते हैं।

अगर आपको एसिडिटी / अम्लपित्त की तकलीफ है तो यह मुद्रा न करे।

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