भ्रामरी प्राणायाम से कौन से रोग ठीक होते है?

भ्रामरी प्राणायाम करते समय भ्रमर के समान आवाज होने के कारण इसे अंग्रेजी में Humming Bee Breath भी कहा जाता हैं।

यह ब्लड प्रेशर और हृदय गति को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय पर तनाव कम होता है।

यह थायराइड ग्रंथि के कार्य को संतुलित करने में मदद करता है और हार्मोनल असंतुलन को कम करता है।

भ्रामरी प्राणायाम वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है, जो विश्राम और पाचन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि करता है और श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा और साइनसाइटिस से राहत प्रदान करता है।

यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।

भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।

यह एकाग्रता और मेमोरी को बढ़ाता है, जिससे सीखने और याद रखने की क्षमता में सुधार होता है।

भ्रामरी प्राणायाम से नींद में सुधार आता है। अनिद्रा से राहत मिलती है। 

यह मूड को बेहतर बनाता है और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

भ्रामरी प्राणायाम करने का सही तरीका क्या हैं?