भस्त्रिका प्राणायाम करते समय कुछ सावधानी बरतनी चाहिए वर्ना नुकसान हो सकता हैं। 

उच्च रक्तचाप के रोगी, हर्निया के रोगी, ह्रदय रोग के रोगी, गर्भवती महिला, अल्सर के रोगी, मिरगी के रोगी, पथरी के रोगी, मस्तिष्क आघात के रोगी भास्त्रिका न करे।

Sinus के रोगी और जिनके नाक की हड्डी बढ़ी हुई या टेडी है वह अपने डॉक्टर के सलाह लेकर ही यह प्राणायाम करे।

गर्मी के दिनों यह सिर्फ सुबह के समय ही करे और सामान्य से कम चक्र करना चाहिए।

अच्छे परिणामो के लिए यह प्राणायाम साफ़ और खुली हवा में करना चाहिए।

भस्त्रिका प्राणायाम करते समय शुरुआत में कम समय के लिए करे और धीरे-धीरे अभ्यास का समय और चक्र बढ़ाये।

भस्त्रिका प्राणायाम के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर श्वसन को नियमित करना चाहिए।

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे और विधि की पूरी जानकारी यहाँ पढे।