डायबिटीज में पैरो मे अकसर ठीक से blood circulation नहीं होता है और साथ ही पैरो की स्पर्श संवेदना (sensation) भी कम हो जाती है।
डायबिटीज में पैरो में संवेदना कम होने से कोई भी चोट, जखम या संक्रमण ठीक होने में सामान्य से अधिक समय लगता है।
अनियंत्रित डायबिटीज में छोटीसी जखम में संक्रमण फैलकर गैंग्रीन हो सकता है और आप को अपना पैर को काटकर अपाहिज की जिंदगी जीना पड़ सकता है।
रोज देखे की पैरो में कही कोई कटन-छीलन, खरोच, लाल दाग, सुजन या कुछ असामान्य तो नहीं है। अगर ऐसा कुछ नजर आए तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
अपने पैरो को राजाना साबुन और गुनगुने गर्म पानी से धोए फिर एक नर्म तौलिए से अच्छी तरह सुखा ले।
पैरो को Moisturizer लगाए ताकि त्वचा रुखी न हो और पैर फटे नहीं। ध्यान रहे के पैरों के अँगुलियों के बीचमे मॉइस्चरायजर न लगाए।
अपने पैरो को धोने और सुखाने के बाद पैरो के अंगुलियों के बढे हुए नाखुनो को सीधा-सीधा काटे और फिर एमरी बोर्ड से घिस कर चिकना कर ले।
अपने पैरो की कैची बनाकर बैठना (पैर के ऊपर पैर रखकर V Shape में रखना), तंग / टाईट कपडे पहनने से बचे। ज्यादा टाइट या ज्यादा ढीले सॉक्स ना पहने।
ऐसे जूते ख़रीदे जो ठीक से फिट होते हो तथा पंजो और एडियो को जकड़ते न हो। कैनवास और चमड़े से बने बढ़िया आधार वाले जुते सर्वोत्तम होते है।
अगर आपको पैरो में ठण्ड लगती हो तो रात के समय कोमल और आरामदेह जुराबे (Socks) पहने। हमेशा साफ़ सुधरे मोज़े ही पहने और रोजाना उन्हें बदले।