Swine Flu का कारण, लक्षण, उपचार और बचने के उपाय

Swine Flu या H1N1 Influenza, यह एक नए प्रकार के Virus के द्वारा फ़ैलने वाला संक्रामक रोग हैं। यह virus सबसे पहले अप्रैल, 2009 में पहचाना गया था और इसके कारण समूचे विश्व में कई लोगो की मृत्यु हो गयी थी। WHO ने इसे जून 2009 में महामारी (Pandemic) घोषित किया था।
  1. Swine Flu कैसे होता हैं ? Swine flu Causes in Hindi 
  2. Swine Flu के लक्षण क्या हैं ? Symptoms of Swine flu in Hindi 
  3. Swine Flu का उपचार कैसे किया जाता हैं ? Treatment and remedies of Swine flu in Hindi 
  4. Swine Flu से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए ? Tips to prevent Swine Flu in Hindi

आमतौर पर इस virus के वाहक सूअर होने के कारण इसे Swine Flu कहा जाता हैं। पहले यह virus न तो जानवरो के लिए घातक था ना ही यह मनुष्यो को प्रभावित किया करता था। समय के साथ इस virus में बदलाव आ गया और यह महामारी का रूप लेकर जानवर और मनुष्य दोनों के लिए घातक साबित हो गया हैं।

सर्दी के दिनों में Swine Flu के मरीजों की संख्या बढ़ जाती हैं। इस वर्ष, हर वर्ष की तुलना में अधिक ठंडा मौसम होने से धीरे-धीरे Swine Flu का संक्रमण फ़ैल रहा हैं और इसलिए जरुरी हैं की Swine Flu से बचने के लिए हर संभव कोशिश की जाए।

Swine Flu के प्रसार, लक्षण, उपचार और एहतियात संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

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Swine Flu का कारण, लक्षण, उपचार और बचने के उपाय 

Swine Flu का फैलाव कैसे होता हैं ? Swine flu Causes in Hindi

Swine Flu एक बेहद संक्रामक रोग है और इसका प्रसाव  एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बेहद जल्द फैलता हैं। जब कोई Swine Flu से प्रभावित व्यक्ति खांसता हैं या छींकता हैं तो मुंह और नाक से निकले छोटी बूंदो के साथ इसके virus भी बाहर आ जाते हैं और हवा में और कठोर सतह पर अगले 24 घंटो तक रह जाते हैं। हवा में रहने वाली बेहद छोटी बुँदे किसी भी व्यक्ति को सांस के साथ अंदर जाकर संक्रमित कर सकती हैं।

कठोर सतह पर 24 घंटे और कोमल सतह पर 20 घंटे तक यह virus जीवित रह सकता हैं। यदि कोई व्यक्ति इस virus युक्त सूक्ष्म बूंदो से संक्रमित दरवाजे का हैंडल, कंप्यूटर कीबोर्ड, गिलास, तकिया, तौलिया या रिमोट इत्यादि वस्तु को छूता हैं और संक्रमित हाथो को अपने मुंह या नाक के पास रखता हैं तो वह व्यक्ति भी Swine Flu से संक्रमित हो सकता हैं।


Swine Flu के लक्षण क्या हैं ? Symptoms of Swine flu in Hindi

Swine Flu के लक्षण आम सर्दी-जुखाम जैसे ही होते हैं पर लापरवाही बरतने पर लक्षण गंभीर हो सकते हैं। Swine Flu के लक्षण निचे दिए गए हैं :
  • सिरदर्द 
  • खाँसी 
  • बुखार 
  • गले में खराश या गले में कुछ अटका हैं ऐसा महसूस होना 
  • नाक से पानी बहना या नाक जाम हो जाना 
  • कमजोरी या थकान 
  • बदनदर्द 
  • मांसपेशियों में खिचाव 
  • भूक न लगना 
  • उलटी 
  • ठंडा लगना 


Swine Flu का उपचार कैसे किया जाता हैं ? 
Treatment and remedies of Swine flu in Hindi

Swine Flu के लक्षण पाए जाने पर संभावित मरीज की जाँच की जाती हैं और उनकी report Positive आने पर उन्हें डॉक्टर के देखरेख में अलग रखा जाता हैं। Swine Flu के उपचार के लिए Tamiflu (Oseltamivir) नामक दवा रोगी के उम्र और वजन के हिसाब से दी जाती हैं। रोगी के पुरे स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाती हैं। 

Swine Flu से ज्यादा खतरा किन लोगो को हो सकता हैं ?

Swine Flu से निम्नलिखित व्यक्तिओ में ज्यादा खतरा रहता है :
  1. 50 वर्ष से ज्यादा आयु के व्यक्ति 
  2. 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे 
  3. गर्भवती महिला 
  4. ऐसे व्यक्ति जिन्हे अन्य बड़ी बीमारी है जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कर्करोग इत्यादि 
  5. ऐसे व्यक्ति जिनकी रोग प्रतिकार शक्ति कम हैं  

Swine Flu से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए ? Tips to prevent Swine Flu in Hindi

Swine Flu से बचने के लिए निम्नलिखित एहतियात बरतने चाहिए :
  • Swine Flu से बचने के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह से Nasovac vaccine ले सकते हैं। यह vaccine 0.5 ml मात्रा में नाक में डाला जाता हैं। इसकी एक खुराक लेने पर Swine Flu से 2 वर्ष के लिए सुरक्षा मिल सकती हैं। 
  • Swine Flu से बचने के लिए अब एक नया इंजेक्शन vaccine भी निकल चुकी हैं। यह vaccine लेने के 21 दिन बाद आपको Swine Flu के खिलाफ काफी हद तक सुरक्षा मिल जाती हैं और यह सुरक्षा का असर 1 वर्ष तक रहता हैं।  
  • खांसी या छीकते समय अपना चेहरा रुमाल या टिशू पेपर से ढककर रखे। उसके बाद टिशू पेपर को कूड़ेदान में फेक दे अथवा नष्ट करे और अपने हाथो को साबुन या hand sanitizer से साफ़ करे।
  • हमेशा खांसते या छीकते वक्त दुसरो से 6 फिट से ज्यादा की दुरी बनाए रखे।  
  • Swine Flu से प्रभावित इलाके में चहरे पर mask पहने। 
  • अपने घर और कामकाज की जगह को साफ सुधरा रखे। 
  • अपने हाथो को हमेशा खाना खाने से पहले साबुन और पानी से 20 सेकण्ड तक धोए। 
  • Swine Flu से प्रभावित क्षेत्र में सर्दी-जुखाम से पीड़ित व्यक्ति के साथ मेज या ऑफिस का सामान नहीं बांटना चाहिए। 
  • बेवजह भीड़ भाड़ वाले इलाके और अस्पताल में जाने से बचे। 
  • लोगो से अनावश्यक हाथ मिलाना या संपर्क करना टाले। 
  • Swine Flu के लक्षण दिखने पर अपने डॉकटर से जाँच कराए। 
  • अपनी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के प्रयास करे। रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के उपाय जानने के लिए यह पढ़े। 
  • अपने मित्र परिवार और जानपहचान के व्यक्तियो से Swine Flu संबंधी जानकारी साझा करे। 

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7 thoughts on “Swine Flu का कारण, लक्षण, उपचार और बचने के उपाय”

  1. बहुत ही बढ़िया जानकारी है आपने डॉक्टर साब ! आजकल स्वाइन फ्लू वैसे ही बहुत ज्यादा फ़ैल रहा है भारत में ! उपयोगी जानकारी

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