Brain Stroke – कारण, लक्षण और चिकित्सा

हमारे शरीर में मस्तिष्क और नाड़ियो को प्राणवायु (Oxygen) और पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति रक्त वाहिकाओं से रक्त के द्वारा की जाती है। जब भी इन रक्तवाहिकाओं में किसी कारण क्षति पहुचती है या अवरोध निर्माण होता है तब मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है।
  1. Brain Stroke के कारण क्या है ? Brain stroke causes in Hindi 
  2. मस्तिष्क का दौरा के क्या लक्षण है ? Brain stroke symptoms in Hindi 
  3. Brain Stroke किसे हो सकता है ? 
  4. Brain Stroke से बचने के लिए क्या करना चाहिए ? 

जिस तरह ह्रदय को रक्त की आपूर्ति न होने पर हृदयघात / Heart attack आ जाता है, उसी प्रकार मस्तिष्क के कुछ हिस्से को 3 से 4 मिनिट से ज्यादा रक्त न मिलने पर प्राणवायु  (Oxygen) और पोषक तत्वों के आभाव में नष्ट होने लगता है, इसे ही मस्तिष्क का दौरा / Stroke या Brain Attack भी कहते है।



Stroke या मस्तिष्क के दौरे के कारण, लक्षण और उपचार से जुडी सम्पूर्ण जानकारी सरल हिंदी भाषा में निचे दी हुई हैं :

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मस्तिष्क का दौरा / Stroke – कारण, लक्षण और चिकित्सा Causes, symptoms and treatment of Stroke in Hindi

Brain Stroke के कारण क्या है ? Brain stroke causes in Hindi

मस्तिष्क का दौरा / Stroke होने के मुख्यतः 2 कारण पाए जाते है।

  1. Ischemic Stroke – अरक्तता मस्तिष्क का दौरा 
  2. Hemorrhagic Stroke – रक्तस्त्राव मस्तिष्क का दौरा 
एक तीसरे प्रकार का भी मस्तिष्क का अस्थाई दौरा होता है जिसमे Stroke के लक्षण कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटो तक ही रहते है और बाद में ठीक हो जाते है। इसे Transient Ischemic Attack या TIA कहा जाता है। यह इस बात की चेतावनी देता है की आपको कोई समस्या है और इसका इलाज न कराने पर निकट भविष्य में आपको Stroke पड़ सकता है।  
मस्तिष्क का दौरा / Stroke के कारणों की अधिक जानकारी निचे दी गयी है :
1) Ischemic Stroke – अरक्तता मस्तिष्क का दौरा 
Stroke होने का यह सबसे आम कारण है। लगभग 80 से 85 % लोगो में मस्तिष्क का दौरे कारण यही होता है। यह मस्तिष्क के किसी रक्तवाहिनी के संकीर्ण होने या अवरोध निर्माण होने के कारण होता है। इसके प्रमुख 2 कारण है :
  • Thrombotic Stroke – इस प्रकार के मस्तिष्क के दौर में मस्तिष्क के रक्त वाहिनी में खून के जम जाने के कारण या थक्के / clot के कारण अवरोध निर्माण हो जाता है। जिन रोगियों में खून के अंदर Cholesterol का प्रमाण ज्यादा होता है, ऐसे रोगियो के रक्तवाहिनी में भीतरी स्तर पर Fats जमा हो जाता ही जिसे plaque कहते है। इस जमा हुए plaque पर खून का थक्का जमा हो जाने पर धीरे-धीरे पूरी रक्तवाहिनी में अवरोध निर्माण हो जाता है और मस्तिष्क के उस हिस्से को रक्त न मिलने पर Thrombotic stroke पड़ जाता है। 
  • Embolic Stroke – इस प्रकार के मस्तिष्क के दौर में रक्त का थक्का या इंजेक्शन या सलाइन द्वारा गलती से रक्त वाहिनी में प्रवेश किया हुआ हवा का छोटा बुलबुला मस्तिष्क के किसी छोटी रक्तवाहिनी में फसने के कारण रक्तवाहिनी में अवरोध निर्माण हो जाता है और मस्तिष्क के उस हिस्से को रक्त न मिलने पर Embolic stroke पड़ जाता है।

2) Hemorrhagic Stroke – रक्तस्त्राव मस्तिष्क का दौरा  

मस्तिष्क के किसी रक्तवाहिनी में रक्तस्त्राव होने के कारन होने वाले इस मस्तिष्क के दौरे बेहद गंभीर होते है। उच्च रक्तचाप, रक्त वाहिनी की जन्मजात विकृति या रक्त वाहिनी में फुलाव (Aneursyms) के कारण मस्तिष्क में रक्तस्त्राव हो सकता है। इसके दो प्रकार है :
  • Intra-cranial Hemorrhage – इस प्रकार में मस्तिष्क के किसी रक्तवाहिनी में रक्तस्त्राव होने के कारण मस्तिष्क के उस हिस्से को रक्त की आपूर्ति में कमी आने के कारन Brain cells को क्षति पहुचती है। इस प्रकार के मस्तिष्क के दौरे का प्रमुख कारण उच्च रक्तदाब (Hypertension) है। लगातार कई समय तक उच्च रक्तचाप के कारन रक्तवाहिनी कमजोर और कड़ी हो जाती है और परिणामतः फट जाती है। 
  • Sub-Archnoid Hemorrhage – इस प्रकार में मस्तिष्क और कपाल के बीच के स्तर में किसी रक्तवाहिनी में रक्तस्त्राव होने के कारण Sub-Archnoid space में रक्त एकत्रित हो जाता है। इसका प्रमुख कारण रक्त वाहिनी की जन्मजात विकृति या रक्त वाहिनी में फुलाव (Aneursyms) होता है। इस प्रकार में रोगी को तेज सरदर्द का अनुभव होता है। 

मस्तिष्क का दौरा के क्या लक्षण है ? Brain stroke symptoms in Hindi

Stroke के लक्षण मस्तिष्क के में यह किस जगह पड़ा है और कितनी क्षति हुई है इस बात पर निर्भर करता है। मस्तिष्क के दौरे में लक्षण अचानक होते है और इनमे निम्न लक्षण शामिल है :
  • शरीर के एक ही तरफ के चेहरे, हाथ या टांग में सुन्नपन, चीटिया दौड़ना या कमजोरी सा महसूस होना। 
  • अचानक लड़खड़ाना, चक्कर आना, शरीर का संतुलन बिगड़ना। 
  • भ्रम की स्तिथि। 
  • बोलने या समझने में मुश्किल। 
  • धीरे या अस्पष्ट बोलना। 
  • एक या दोनों आँखों से देखने में कठिनाई।
  • तेज सिरदर्द होना। 
  • जी मचलना और उलटी होना।  

ऊपर दिए गए लक्षणों को तुरंत पहचानने के लिए और मस्तिष्क के दौरे के रोगियों की तुरंत पहचान और उन्हें अस्पताल ले जाकर उपचार कराने के लिए आप FAST की मदद ले सकते है। FAST का मतलब है –

  • FFace (Facial Weakness) : रोगी को हँसने के लिए कहे। उसका चेहरा, होठ और आँख एक तरफ लटक जाए तो यह मस्तिष्क के दौरे का लक्षण है। 
  • AArms (Arm Weakness) : रोगी को  हाथ उठाने और सामने फ़ैलाने के लिए कहे। अगर रोगी का एक हाथ उठ न पाए और उठ पाने पर जल्द निचे झुक जाए तो यह मस्तिष्क के दौरे का लक्षण है। 
  • S Speech (Speech Difficulty) : रोगी से कुछ सवाल पूछे। अगर वो ठीक से बोल न पाए और उसकी आवाज लड़खड़ाए, छोटे वाक्य भी मुश्किल से बोले तो यह मस्तिष्क के दौरे का लक्षण है। 
  • T Time (Time to Act) : ऐसी स्तिथि में रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास अस्पताल में पहुचाना चाहिए। पहले 3 घंटे के golden period में रोगी को उपचार प्राप्त होने पर मस्तिष्क के दौरे से होने वाले क्षति से बचाया जा सकता है। 
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Brain Stroke किसे हो सकता है ?

Stroke होने का खतरा निम्नलिखित व्यक्तियों को अधिक होता है :

  1. उचरक्तचाप (Hypertension), मधुमेह (Diabetes), ह्रदय रोग (Heart Disease) या उच्च LDL Cholesterol से पीड़ित रोगी। 
  2. मधुमेह के रोगियों में Stroke की जोखिम 2 से 3 गुना ज्यादा होती है। 
  3. जिनके परिवार में किसी को मस्तिष्क का दौरा / Stroke का इतिहास है। 
  4. उच्च रक्तचाप के 40 से 50 % रोगियों में मस्तिष्क का दौरा / Stroke होने की आशंका होती है। 
  5. 55 साल से ज्यादा के व्यक्ति। 
  6. Sickle Cell Anemia या Migraine के रोगी।  
  7. तनावग्रस्त व्यक्ति। 
  8. नियमित शराब और तंबाखू का सेवन करने वाले या धूम्रपान करने वाले व्यक्ति। 
  9. जन्मजात रक्तवाहिनी के रोगी। 
  10. जिनका वजन ज्यादा है। 
  11. जो सुस्त रहते है और किसी प्रकार का कोई व्यायाम नहीं करते है।
  12. जो गर्भनिरोधक गोलिया, Hormones की गोली ले रहे है। 

Brain Stroke से बचने के लिए क्या करना चाहिए ?

Stroke से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करना चाहिए :
  • शराब, तम्बाखू और धूम्रपान बंद करे। 
  • अगर आप उचरक्तचाप (Hypertension), मधुमेह (Diabetes), ह्रदय रोग (Heart Disease) या उच्च LDL Cholesterol से पीड़ित है तो नियमित डॉक्टर से जाँच कराते रहे और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लेते रहे।   
  • फल, सब्जिया इत्यादि समतोल आहार लेना चाहिए। 
  • तनाव से दूर रहे। 
  • नियमित व्यायाम और योग / प्राणायाम करे। 
  • अगर आप मोटापे के शिकार है तो अपना वजन नियंत्रित रखे। पढ़े Weight Loss
  • अगर आपको बार-बार सरदर्द की परेशानी होती है तो चिकित्सक से इसकी जाँच कराना चाहिए। चिकित्सक के सलाह अनुसार CT Scan या MRI द्वारा जाँच हो सकती है। 
  • अगर आपको कोई तकलीफ नहीं है फिर भी 30 वर्ष के होने के पश्च्यात साल में एक बार डॉक्टर से अपनी शारीरक जाँच करा लेना चाहिए। 
विश्व में हर 40 से 45 मिनिट में किसी न किसी को मस्तिष्क का दौरा / Stroke आता है। हर 3 मिनिट में मस्तिष्क का दौरा / Stroke के वजह से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। ह्रदय रोग और Cancer के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा जानलेवा रोग है। अगर हम सब थोड़ी से सावधानी बरते, FAST के नियम को याद रखे और लोगो तक इस सन्देश को पहुचाए, तो इस रोग से मस्तिष्क में होने वाली क्षति और दुष्प्रभावो को काफी हद तक रोका जा सकता है।

Image Courtesy : webmd.com 

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3 thoughts on “Brain Stroke – कारण, लक्षण और चिकित्सा”

  1. Dear Arpit,
    I cannot comment on status or prognosis about your aunt's health as I have not examined her and have not seen her reports. Most of the brain stroke patients can recover with proper treatment and physiotherapy.

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