- अम्लपित्त या Acidity के क्या कारण है ? Causes of Acidity in Hindi
- Acidity के क्या लक्षण है ? Symptoms of Acidity in Hindi
- Acidity से बचने के उपाय क्या है ? Treatment of Acidity in Hindi
एसीडिटी एक बहुत ही परेशान करनेवाली तकलीफ होती हैं। एसिडिटी से परेशान व्यक्ति न तो ठीक से काम कर सकता है और न ही ठीक से आराम कर पाता हैं। एसिडिटी को सही समय पर न रोका गया तो आगे जाकर व्यक्ति को पेट में अलसर होने का खतरा रहता है जिससे असहनीय पेट दर्द और खून की उल्टियां भी हो सकती हैं ,
अम्लपित्त या Acidity के लक्षण, इसके कारण और उपाय संबंधी जानकारी निचे दी गयी है।
एसिडिटी / Acidity के कारण, लक्षण और उपचार
Acidity in Hindi
अम्लपित्त या Acidity के क्या कारण है ? Causes of Acidity in Hindi
अम्लपित्त या Acidity होने के कई कारण है। हमारे खाने पिने की आदते, हमारा रहन सहन के अलावा अम्लपित्त या Acidity होने के शारीरिक और मानसिक कारण भी है।
अम्लपित्त या Acidity के कुछ मुख्य कारण निचे दिए गए है :
१) शारीरिक
हमारे शरीर में आमाशय / Stomach में सामान्य तौर पर पाचन प्रक्रिया के लिए Hydrochloric Acid और Pepsin का स्त्रवन होता है। आमाशय और अन्ननलिका के जोड़ पर एक विशेष प्रकार की मांसपेशिया होती है जिन्हें Lower Esophageal Sphincter (LES) कहते है। यह LES केवल खाने पिने के समय ही खुलती है और आहार आमाशय में पहुचने के बाद अपने आप बंद हो जाती है, जिस कारन आमाशय के Acid अन्ननलिका में नहीं पहुच पाता है। किसी कारणवश अगर LES मांसपेशिया कमजोर पड़ जाती है या उनकी संकुचनशीलता कम हो जाती है, ऐसे समय यह अपने आप खुल जाती है और आमाशय से acid और pepsin अन्ननलिका में आ जाता है। ऐसा बार-बार हो जाने पर अन्ननलिका में सुजन या घाव हो सकता है।
इसके आलावा, आमाशय का उपरी हिस्सा कभी अन्ननलिका में Hernia की तरह आ जाता है जिसे Hiatus Hernia भी कहते है। ज्यादा खाँसी, उलटी या ज्यादा मेहनत का कम करने से यह हो सकता है। इस परिस्थिति में भी आमाशय से acid और pepsin अन्ननलिका में आ जाता है और अम्लपित्त या Acidity हो सकती है।
कुछ व्यक्तियों में सामान्य से ज्यादा Hydrochloric Acid का स्त्रवन होता है। इस कारन भी अम्लपित्त या Acidity बढ़ सकती है। कुछ व्यक्तियों में H.Pylori नामक Bacteria के कारन भी अम्लपित्त या Acidity बढ़ जाती है। 60 साल से ज्यादा उम्र के 50% व्यक्तियों में इस bacteria के कारण अम्लपित्त या Acidity बढ़ जाती है।
२) आहार
हम क्या आहार लेते है और कितनी मात्रा में लेते है इसका सीधा असर हमारे पेट पर पड़ता है। निचे दिए गए आहार लेने से अम्लपित्त या Acidity बढ़ जाती है :
- ज्यादा तीखा, मसालेदार या तला हुआ खाना खाने से
- जंक फ़ूड के सेवन से
- ज्यादा शराब पिने से
- ज्यादा चाय, कॉफ़ी पिने से
- समय पर आहार न लेने से
- निरंतर रस्ते पर मिलने वाला या होटल का खाना खाने से
- ठीक से न पका हुआ खाना खाने से
- बासी खाना खाने से
- अपनी भूक से बहोत कम या ज्यादा मात्रा में खाने से
- ठीक समय पर न खाना
- ज्यादा समय तक खाली पेट रहना
- पर्याप्त मात्रा में नींद न लेना
- खाना खाने के बाद तुरंत लेट जाना
- धुम्रपान, शराब या तंबाखू का सेवन करना
- बेवजह और ज्यादा मात्रा में डॉक्टर की सलाह बिना दर्दनाशक या अन्य दवा लेना
- चिंता, शोक या भय
- मोटापा / Obesity
- गर्भावस्था / Pregnancy
- वृद्ध /Aging
- कर्करोग / Cancer में Chemotherapy
Acidity के क्या लक्षण है ? Symptoms of Acidity in Hindi
अम्लपित्त या Acidity के लक्षण कुछ इस प्रकार है :
- पेट में जलन / दर्द होना
- सिने या छाती में जलन
- मुंह में खट्टा पानी आना
- खट्टी डकारे आना
- गले में जलन महसूस होना
- पेट फूलना या भरा हुआ लगना
- उलटी होना
- घबराहट होना
- साँस लेने में तकलीफ
Acidity से बचने के उपाय क्या है ? Treatment of Acidity in Hindi
१) आहार
- तीखा, तला हुआ और मसालेदार आहार से परहेज करे।
- चाय, कॉफ़ी, शराब और caffeine युक्त पेय से परहेज करे।
- Chocolate, Peppermint, Tomato sauce, प्याज, लहसुन, Citrus acid युक्त फल जैसे संतरा जैसे आहार पदार्थो से परहेज
- पेट भर खाना न खाए। अपनी पूरी भूक से थोडा कम खाना खाए।
- आपको क्या खाने से ज्यादा तकलीफ होती है उसका ध्यान रखे।
- घर के बने खाने को ही प्राथमिकता दे। जहा तक हो सके बाहर का बना खाने से बचे।
- दिन में ३ बार बड़ा भोजन करने के बजाए दिन में ५ बार छोटी-छोटी खुराके लेना बेहतर है।
- आप जितना तेजी से खाएंगे, उतना ही ज्यादा खाएगे। आपके मस्तिष / Brain को यह समझने में २० मिनिट लगते है की आपका पेट भर चुका है। आपके शरीर यह संकेत दे की अब पर्याप्त हो चूका है, उससे पहले ही आप काफी खा चुके होते है। खाने का हर निवाला कम से कम २० बार चबा कर ही खाए। इससे पाचन भी अच्छा होता है और ज्यादा खाने की आदत से बचाव भी होता है।
- मौके देखकर खाने की आदत को ट़ाले ! खाली समय है इसलिए या काम करते वक्त खाने की आदत को टाले। नियमित समय पर खाना खाने की आदत रखने से पाचन संस्था भी अच्छी रहती और ज्यादा खाने से बचा भी जा सकता है।
- खाने के समय आहार में चटनी, अचार, पापड़ या मिर्च नहीं लेना चाहिए।
- TV देखते हुए, Newspaper पढ़ते हुए या बाते करते हुए खाने की बुरी आदत को छोड़ दे !
- दो भोजन के बिच ज्यादा समय न रखे। लम्बे समय तक भूके पेट न रहे।
- हफ्ते में 1 या 2 दिन शाम के समय सिर्फ फलाहार ले।
- सेब, केला, तरबूज जैसे फलो का आहार में समावेश करे।
- रोज सुबह आधा ग्लास गुनगुना / Warm पानी पीना चाहिए।
- रात को सोने से पहले १ ग्लास दूध पीना चाहिए।
- शाकाहार ले।
- धुम्रपान न करे। धुम्रपान करने से पेट में Acid का स्त्रवन ज्यादा होता है और साथ ही LES की संकुचनशीलता कम हो जाती है।
- शराब का सेवन कम करे।
- सोने के समय अपने सर की उचाई पेट से 4 से 6 इंच उची रखे। इसके लिए अपने सर की निचे छोटा तकिया रखे या फिर अपने बेड की निचे Block रखे।
- सोने के समय से 2 से 3 घंटे पहले कुछ न खाए या फिर खाने के 2 से 3 घंटे तक न सोए।
- पेट के ऊपर दबाव आए ऐसे चुस्त कपडे न पहने। बहोत tight कपडे या tight belt न पहने।
- अगर आप का वजन ज्यादा है तो उसे नियंत्रित करे। मोटापा अम्लपित्त या Acidity का एक मुख्य कारण है।
- नियमित रूप से व्यायाम करे।
- पर्याप्त मात्रा में नींद लेना चाहिए। कम से कम 6 घंटे नींद लेना चाहिए।
- तनावमुक्त रहे और मानसिकरूप से स्वस्थ रहे।
- बेवजह चिंता, शोक या क्रोध नहीं करना चाहिए।
- योग / प्राणायम करे।
आपको अगर acidity की तकलीफ है तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दे ताकि कोई भी अन्य दवा देते समय डॉक्टर आपको ऐसी दवा देंगे जिस कारन acidity न बढे।
अम्लपित्त या Acidity को कभी भी दुर्लक्ष न करे, यह आगे जाकर पेट में Ulcer भी निर्माण कर सकता है जिससे पेट में रक्तस्त्राव / bleeding हो सकती है।
अब कुछ दिनों बाद हम सभी का मनपसंद त्यौहार दीपावली आने वाला है। आप सभी को दीपावली की निरोगीकाया परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाए !! दीपावली की इस पावन पर्व को हर्षो-उल्हास से मनाए और साथ ही अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखे। पटाखे-आतिशबाजी करते समय सावधानी बरते और खान-पान का विशेष ध्यान रखे। हमेशा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का प्रयास करे !
यह जानकारी अवश्य पढ़े :
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।
Thank you! your blog post is very informative and interesting.
बहुत अच्छी जानकारी आप नें दिया।एसिडीटी एक आम समस्या हो चुकी है।और इससे बचना जरूरी है।उपयोगी सलाह देनें के लिये धन्यवाद।
srimanji aap ka bhut dhanyvad . mai grahni rog se pechle 4 saal se paresan hun . mukas / salaeva bhut jyada banta hai . bhut ilaj karane par bhi rog thik nahi ho rha . agar grahni se sambandit koi jankari ho to jankari karane krayen … aabhari rhunga
ग्रहणी यह रोग हमारे आहार और जीवनशैली से जुड़ा रोग हैं. योग्य समतोल आहार, योग और व्यायाम के साथ पाचन प्रणाली को ठीक करने वाली दवा का उपयोग कर इसे आसानी से ठीक किया जा सकता हैं. गृहणी और Irritable Bowel Syndrome पर जल्द ही एक लेख निरोगिकाया ब्लॉग पर प्रकाशित किया जायेंगा. धन्यवाद !
Thanks Waqas.
राकेशजी, ब्लॉग पर भेट देने हेतु और अपनी प्रतिक्रिया देने हेतु आपका बहोत धन्यवाद !
paritosh jee . grahani se sambandhit lekh ka intzaar rahega … aap ka bhut 2 dhanyvad…
this helps me a lot. thanks
धन्यवाद श्रीमान
Bahut sunder
Very nice
Bahut acchi jan kari hain ye…
Kamalini.
LOt of thanks Paritoshji.
Thanks for sharing
Dhanyawad itni achhi jankari share krne k liye.apni bhasa me ise padkar bahut accha lga.aj ki daudbhag bhari jindagi me acidity ek aam samsya hai. Apki janki hamre liye kafi upyogi sabit hogi
thank u so much sir for your kind information….i have also problems on acidity and i think your tips will be more helpful for me…thank u ….
thank you sir
Dare sir mera name amar he meri age25 he muze cytric acidity ka bohat hi zyada problem he iski wajahse era bloodpresher high hjata he or saans leneme taklif hoti he plzplzplzplzplz sir muze upay batao plzplz
Very helpful post. Thanku for sharing with us
acidity problem solution in hindi
Thank u verymuch
Great information🙌
You are welcome. Hame khushi hai ki apko acidity se judi jaankari upyogi lagi. Krupaya ise sahre avshya kare.
Help full
thank u sir good advice
You are welcome.