- डायबिटीज क्या होता हैं ?What is Diabetes in Hindi
- डायबिटीज के प्रकार Diabetes types in Hindi
- डायबिटीज का निदान कैसे किया जाता है ? Diabetes diagnosis in Hindi
मधुमेह को बोलचाल की भाषा में ‘शक्कर की बीमारी‘ भी कहते है। आज के दौडभाग के हमारे advance युग में भले ही लोगो के बोली से मिठास खो गई है पर तनाव और आरामदेह जीवन के कारन खून में जरुरत से ज्यादा शक्कर की मात्रा होने से अनेक लोग मधुमेह से ग्रसित हो रहे है।
मधुमेह या डायबिटीज क्या है और इससे जुडी अधिक महत्त्वपर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :
डायबिटीज क्या हैं ? Diabetes in Hindi
डायबिटीज क्या होता हैं ?What is Diabetes in Hindi
खून में शक्कर की मात्रा को नियंत्रण में रखने के काम इन्सुलिन (Insulin) करता है। इन्सुलिन के कारन हमारे शरीर के पेशियों को शक्कर (Glucose) द्वारा उर्जा प्राप्त होती है। अगर शरीर में किसी कारन इन्सुलिन का निर्माण कम प्रमाण में होते है या इन्सुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है तो खून में शक्कर का ठीक से उपयोग नहीं होता है और इसकी वजह से blood में sugar level बढ़ जाता हैं।
डायबिटीज के प्रकार Diabetes types in Hindi
Type 1 Diabetes – Insulin Dependent Diabetes Mellitus (IDDM)
- ज्यादातर बच्चो,किशोरों या युवा व्यस्को में देखा जाता है।
- शरीर बहुत कम या बिलकुल भी इन्सुलिन नहीं बनता है।
- रोज इन्सुलिन का इंजेक्शन लगाने की जरुरत पड़ती है।
Type 2 Diabetes – Non-Insulin Dependent Diabetes Mellitus (NIDDM)
- यह सबसे आम प्रकार का डायबिटीज हैं।
- ज्यादातर व्यस्को में देखा जाता है,लेकिन अधिक मोटापा दर की वजह से किशोरों और युवा व्यस्को में भी पाया जाने लगा है।
- मुख्या रूप से जीवनशैली से सम्बंधित कारको और अनुवांशिकता की वजह से होता है।
- कुछ मरीजो में दवा के साथ इन्सुलिन की जरुरत पड़ती है।
Gestational Diabetes / गर्भावस्था में मधुमेह
- गर्भावस्था के दौरान कुछ स्त्रियों को डायबिटीज हो सकता है।
- यह रोग लगभग 80% स्त्रियों में प्रसव होने के बाद ठीक हो जाता है और कुछ स्त्रियों में हमेशा के लिए हो जाता है।
- पढ़े – प्रेगनेंसी डायबिटीज के कारण और उपचार
डायबिटीज का निदान कैसे किया जाता है ? Diabetes diagnosis in Hindi
मधुमेह का निदान करने के लिए मधुमेह के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों में निचे दिए गए जाँच किये जाते है।
- 8 से 10 घंटे खाली पेट रहने के बाद अगर प्लाज्मा ग्लूकोस (Fasting Blood Sugar) की मात्रा 126 mg/dl से ज्यादा आने पर मधुमेह का निदान होता है।
- भोजन शुरू करने के दो घंटे बाद प्लाज्मा ग्लूकोस (Post Prandial Blood Sugar) की मात्रा 200 mg /dl से ज्यादा आने पर मधुमेह का निदान होता है।
- HbA1C की जाँच जिसकी मात्रा 7% से ज्यादा आने पर आने पर मधुमेह का निदान होता है।
- Oral Glucose Tolerance Test ( OGTT ) जिसमे प्लाज्मा ग्लूकोस की मात्रा 200 mg /dl से ज्यादा आने पर मधुमेह का निदान होता है।
अगर आपके घर में किसी को मधुमेह है या फिर आप मोटापे के शिकार है तो आपको अलर्ट रहना चाहिए।
अवश्य पढ़े – डायबिटीज के लक्षण क्या हैं ?
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।
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