दस्त की बीमारी में मरीज को बार-बार उलटी, पतला पैखाना होना, बुखार आना, पेटदर्द और कमजोरी यह प्रमुख लक्षण दिखाई देते है। इस बीमारी के कारण कई बार लोगो को अस्पताल में दाखिल होना पड़ता है और 10 से 15 हजार तक का खर्चा भी हो जाता हैं।
दस्त जैसी बीमारी से आप थोड़ी से सावधानी और स्वच्छता रखकर आसानी से बच सकते हैं। इस परेशानी से अपने परिवार को बचाने के लिए निचे दी हुई सावधानी बरते :
जठरान्त्रशोथ / दस्त में क्या एहतियात या सावधानी लेनी चाहिए ?Precautions in Loose Motions in Hindi
- दस्त बंद न हो तब तक दूध या डेअरी उत्पदो से दूर रहे।
- दिन में कम से कम ८ से १० गिलास शुद्ध पानी पीजिए।
- हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुआ या फ़िल्टर किये हुए स्वच्छ पानी का सेवन
करे। कम से कम १५ मिनिट तक पानी अवश्य उबाले और उसे २४ घंटे के लिए ही उपयोग करे।
- दिन भर हर २-३ घंटे के बाद थोडा थोडा खाए। खाने से पहेले अपने हाथ अच्छे से धो लीजिए।
- ईस बीमारी में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है। इसलिए जरुरी है अधिक तला,भुना
खाना न खाया जाए बल्की ऐसा भोजन खाया खाए जो आसानी से पच जाए। जब भूक लगे तब ही और
जीतनी भूक हो उतना ही आराम से पचने लायक खाना लेना चाहिए।
- खाने में खिचड़ी,सफ़ेद ब्रेड,पकी हुई सब्जिया,ताजे फल,गेहू की रोटी,दलिया,टोस्ट इत्यादी का समावेश करे।
- अधिक तला हुआ,तीखा ,मसालेदार,चाय,कोफ़ी,डेअरी उत्पादन या बाहर का खाना बिलकुल न खाए।
- घर का बना हुआ ताजा और गरम खाना खाए। बाहर का खाना बिलकुल न खाए।
- खुप आराम कीजिए और अपना तनाव कम करने की कोशिश कीजिए।
- हर बार मल त्याग के बाद अपने हाथ अच्छे से धो लीजिए।
- हाथ धोते समय साबुन से अच्छा झाग बनाकर १५ सेकंड तक बहते पानी में हाथ को अच्छी तरह से धोए और बाद में स्वच्छ कपडे से हाथ को अच्छी तरह से साफ़ करे। नल बंद करने के लिए उसी साफ कपडे का इस्तेमाल करे जिससे हाथ को दुबारा दूषण (Contamination) न हो।
- अपना खाना,पेय,थाली या स्ट्रा किसी और के साथ शेयर न करे।
- अगर आप को दस्त हो रही है तो बाहर न जाए,घर पर पूरा आराम करे और अन्य लोगो के लिए खाना न बनाए।
- दस्त या जठरान्त्रशोथ काफी संक्रामक होता है। इसके जीवाणु किसी जगह पर २४ घंटे से ज्यादा समय तक सक्रिय रहते है। इसलिए उलटी,दस्त या रोगी के स्पर्श की हुई जगह या वस्तु को अच्छी तरह से साफ़ करना बेहद जरुरी होता है।
- निचे दिए हुए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए।
- बहुत ज्यादा दस्त होना
- बहुत ज्यादा उलटी होना
- बहुत तेज प्यास लगना
- बेहोशी आना,चक्कर आना या बेहद कमजोरी लगना
- ३८°C या १००.५°F से ज्यादा बुखार आना
- पेटदर्द जो मलत्याग के बाद भी कम न हो
- आपका मल काला हो या उसमे खून हो
- ६० साल से ज्यादा हो या १ साल से कम उम्र में २-३ से ज्यादा मात्रा में दस्त या उलटी होना।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।